नवनिर्माण के स्वप्न दिल मे क्यो न पोसा करें?
साकार होते हैं स्वप्न खुली आँख से जो देखे
जरूरी है सर्वप्रथम अपने आप पर भरोसा करें
हालात की क्यों सदा हम शिकायत करें?
उनको बदलनें के लिये क्यों न बगावत करें?
परिवर्तन की लहर उठेगी दरिया मे तभी
जो फेंक पत्थर दरिया के भीतर हरकत करें
©सुरS
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