वो ही मेरे पास नही
हमने उनको कितना चाहा
उनको ये एहसास नही
नदिया दरिया सागर देखे
बुझती मेरी प्यास नही
बिन पाये ही खोया तुमको
होता मुझको विश्वास नही
मिलना फिर मुझ से तुम
तोडना मेरी आस नही
एक दिन ऐसा न आये
यदि तुम नही तो साँस नही
सुरेश राय 'सरल'
मान चिंगारी मुझे तुम,हौसलों की हवा देना. पर बेरुखी की धूल से,मुझको न दबा देना. आप का अभिनंदन है.आप के आशीष,स्नेह और प्रोत्साहन को टिप्पणी मे प्रकट करने की कृपा करें