खुश रहने का वादा करलें,
आओ इस नये साल मे
क्या पाया क्या खोया हमने,
न उलझें इन सवाल मे
नई उम्मीदों से दामन भरले,
आओ इस नये साल मे
पनीर की कौशिश करें तब तक
काम चलाये दाल मे
आशाओं को दुगना कर लें ,
आओ इस नये साल मे
सुर से सुर मिलायें जीवन के
ताल देकर ताल मे
हर रंग को अपना कर लें ,
आओ इस नये साल मे
सैयाद हर तरफ मिलेंगे
फंसें न इनके जाल में
स्वविवेक से राहें चुनलें
आओ इस नये साल मे
सुरेश राय 'सरल'
चित्र गूगल से साभार