शनिवार, 25 अप्रैल 2015

अम्मा


ममता की खान है अम्मा
कुदरत की शान है अम्मा
इंसान के स्वरुप मे आयी
धरा पर भगवान है अम्मा

पिता जी का मान है अम्मा
परिवार की जान है अम्मा
सब के मन की बात सुन ले
बिना कहे वो कान है अम्मा

बच्चों का जहॉन है अम्मा
गीता और कुरान है अम्मा
कानों मे सदा अमृत घोले
ऐसी तुक व तान है अम्मा

नारी का अरमान है अम्मा
साहस की पहचान है अम्मा
चुनौतियाँ फीकी पड़ जाती
ऐसी एक मुस्कान है अम्मा

संघर्षों का प्रमाण है अम्मा
इरादों मे पाषाण है अम्मा
हमें गर कोई आँख दिखाये
बन जाती पैना बाण है अम्मा

गृहस्ती की कमान है अम्मा
रिश्तों की बागबान है अम्मा
शब्दों मे जिसे लिख न पाये
'सरल' इतनी महान है अम्मा
सुरेश राय 'सरल'

चित्र गूगल से साभार

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