वादा कैसे मैं तोडूं यार ....
बढ़ चला हूँ आगे इतना
खुद को कैसे मोडूं यार .....
सीसे से भी नाजुक है
दिल कैसे मैं तोडूं यार....
अना के चूहे कतर गए
वो रिश्ते कैसे मैं ओढूं यार ....
बिना गाँठ जो मुमकिन हो
बंधन कैसे फिर जोडूं यार....
संग चले थे जिन राहों में
तुझ बिन कैसे मैं दौडूं यार .....
सुरेश राय 'सरल'
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