
विज्ञापन की महिमा जहाँ जेब से पैसे खेंचे जाते है
सेल का पर्चा देख ग्राहक तो भीड़ से उमड़े जाते हैं
छूट का काँटा डाल ग्राहक मछली से पकड़े जाते है
ऑफर का लालच देकर माल गैरजरूरी बेंचे जाते है
ये बाज़ार की दुनियाँ जहाँ जेब से पैसे खेंचे जाते हैं
मुफ्त उपहारों के बडे सपने आँखों मे सेचें जाते है
मुफ्त के नाम पर छिपे रूप से पैसे खेंचे जाते है
जहाँ ग्राहक सिर्फ पैमेंट पाने तक ही पूजे जाते है
विज्ञापन की महिमा जहाँ जेब से पैसे खेंचे जाते है
सुरेश राय 'सरल'
(चित्र गूगल से साभार )
बहुत बेहतरीन और सटीक अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंlatest post: कुछ एह्सासें !
बहुत बहुत धन्यवाद दर्शन जी ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय प्रसाद जी । उत्साहवर्धन हेतु मैं आपका आभार व्यक्त करता हूँ । आशीष बनाए रखें
जवाब देंहटाएंजहाँ ग्राहक सिर्फ पैमेंट पाने तक ही पूजे जाते है
जवाब देंहटाएंविज्ञापन की महिमा जहाँ जेब से पैसे खेंचे जाते है
.............सटीक अभिव्यक्ति सुरेश जी
बहुत खूबसूरत ब्लॉग मिल गया, ढूँढने निकले थे। अब तो आते जाते रहेंगे।
विषय विचारणीय है। इस विषय पर तो एक अच्छा खासा अर्थमूलक आलेख लिखा जा सकता है।
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