मान चिंगारी मुझे तुम,हौसलों की हवा देना. पर बेरुखी की धूल से,मुझको न दबा देना. आप का अभिनंदन है.आप के आशीष,स्नेह और प्रोत्साहन को टिप्पणी मे प्रकट करने की कृपा करें
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, विजयादशमी की हार्दिक मंगलकामनाएँ।
आदरणीय राजेंद्र जी , आपका हार्दिक अभिनंदन एवं आभार । आपको भी सपरिवार दशहरा की मंगलकामनाएं
सम्मानित सरिता जी , चर्चामंच मे स्थान देने हेतु मैं आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ
आपको भी सपरिवार दशहरा की मंगलकामनाएं।सादर सुरेश राय
बहुत सुंदर। अहंकार को त्याग कर गर होता पुकारा राम नाम।
सादर धन्यवाद आशा जी .
कर्म अपने की जगह कर्म अपना कर लें। बहुत बढ़िया बात।
सुधार सुझाव के लिए हार्दिक आभार विकास जी
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति, विजयादशमी की हार्दिक मंगलकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय राजेंद्र जी , आपका हार्दिक अभिनंदन एवं आभार । आपको भी सपरिवार दशहरा की मंगलकामनाएं
हटाएंसम्मानित सरिता जी , चर्चामंच मे स्थान देने हेतु मैं आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ
जवाब देंहटाएंआपको भी सपरिवार दशहरा की मंगलकामनाएं।
जवाब देंहटाएंसादर
सुरेश राय
बहुत सुंदर। अहंकार को त्याग कर गर होता पुकारा राम नाम।
जवाब देंहटाएंसादर धन्यवाद आशा जी .
हटाएंकर्म अपने की जगह कर्म अपना कर लें। बहुत बढ़िया बात।
जवाब देंहटाएंसुधार सुझाव के लिए हार्दिक आभार विकास जी
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